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लापतागंज का चुनावी समर …!

आयुष दर्पण
आयुष दर्पण
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लापतागंज एक बड़ा ही शांत सा शहर,लोग बड़े ही शांत स्वभाव के जिस स्वभाव को  आलसी कहा जाय तो कोई गलत नहीं…! हाँ पर लोग बड़े मनमौजी, लापतागंज क़ी तरह खुद का  ही पता नहीं …शाम होते ही  शराब नामक दवा के शौक़ीन …..!कैसे न होते ..!मनमौजी जो थे..! हाँ वहाँ क़ी  राजनीति भी बड़ी मनमौजी  थी ,भारत जगाओ पार्टी और इंडीयन नेचर केयर पार्टी दो प्रमुख  पार्टीयां…  नाम सुनकर चौंक गए होंगे….आप, अरे लापतागंज जैसा नाम वैसी पार्टी ….बस दो ही विकल्प .! अब भारत जगाओ पार्टी के अधिकाँश लोग दूसरों को जगाने का तो काम करते थे, पर खुद ही  समय से पहले मदिरा का सेवन कर सो जाया करते थे… अरे कैसे न सोते भाई…. दूसरों को जगाना भी तो एक महत्वपूर्ण काम है.. भाई !अब दूसरी पार्टी को ले लीजिये नाम इंडियन  नेचर केयर पार्टी नाम थोड़ा -थोड़ा विदेशी ….!अब कैसे न होता ऐसा नाम भाई !अंग्रेजी विश्व की भाषा जो है,विदेशों में  पहचान जो बनानी है….. अपनी पार्टी की…. !लेकिन पार्टी के  अधिकाँश सदस्य बड़े ही मालदार और  नेचर की बड़ी क़द्र करने वाले, जहां देखा नेचर में गुंजाइश शुरू कर दिया काटना खोदना और तोड़ना …..!अरे भाई पर्यावरण की  रक्षा भी तो करनी है… और लापतागंज के लोगों जागरूक भी करना है  भाई….! अब पांच वर्ष लापतागंज में भारत जगाओ पार्टी ने राज किया …उसके अधिकाँश कार्यकर्ताओं ने लोगों को जगा-जगाकर  खुद सोते हुए बड़े मौज काटे…लेकिन मौज से क्या होता ? लापतागंज के लोग शौक़ीन जो थे…! सो चुनाव से  पहले लक्ष्मी मैया क़ी कृपा को ध्यान में रखते हुए इन्डियन  नेचर केयर पार्टी के पर्यावरण रक्षा और दोहन कार्यक्रम में चुपचाप पार्टनर बन गए …!क्यूँ लोग  तो लापता थे पता नहीं किधर   खिसक लें…!अब वहाँ भी चुनाव  आ गया कुछ नयी पार्टीयाँ भी आ गयी जैसे  लापता बचाओ पार्टी…. लेकिन उनका पर्यावरण रक्षा का कार्यक्रम अभी सफल नहीं हो पाया था…..! सो उन्होंने जीतने वाली पार्टी के साथ मिलकर पर्यावरण  रक्षा और लोगों को जगाकर लक्ष्मी माता क़ी कृपा पाने का मन बनाया I अब लापतागंज क़ी पार्टियों  के कार्यकर्ता बड़े ही  धूम – धाम से लोगों के पास जा-जाकर  वोट मांग रहे थे……. और अपनी उपलब्धियों जैसे :मदिरा   को टेक्स फ्री और घर–घर तक पहुंचाने का वादा,गाँव गाँव शहर-शहर  में हर कदम पर मयखाने खोलने का वादा ,बच्चों को बिना पढ़े डाक्टर इंजीनीयर बनाने का वादा …आदि ,आदि लेकर आ रहे थे …!
लोग भी बड़े खुश…… वो खुश इसलिए नहीं थे क़ि  उनको लुभाया  जा रहा था ,वो तो इसलिए खुश थे क़ी उन्हें फ्री क़ी शराब और मोबाईल का टाकटाईम मिल रहा था… अब वोट वो किसे देंगे इसका तो उन्हें  भी पता नहीं था,लापतागंज  के निवासी जो थे ..जो क्लाईमेक्स में खुश कर दे उसीके होकर रह जाते बड़े सरल थे जो न वो ……..!

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